सनातन परंपरा में भगवान शिव की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इसी के साथ सोमवार के दिन भगवान शिव की साधना के लिए समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी जातक भगवान शिव की पूजा करता है उस पर भगवान की विशेष कृपा उस पर बनती है। इसके अलावा सभी शिवलिंग की पूजा में पारद शिवलिंग की पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है।
पारद शिवलिंग पारद और चांदी के मिश्रण को विशेष प्रकिया के द्वारा शोधन करके बनाया जाता है ऐसा माना जाता है कि अगर सोमवार के दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ पर पराद शिवलिंग की पूजा की जाए, तो भगवान शिव जातक को मनचाहा वरदान देते हैं और उसे भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इतना ही नहीं जातक के जीवन में आ रही सारी परेशानियां दूर हो जाती है और उसे अपने जीवन में खुशियों प्राप्त होती हैं।
पारद शिवलिंग के लाभ
जो भी व्यक्ति शिवलिंग की पूजा करता है नकारात्मक शक्तियां उससे दूर रहती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। साथ ही उसे मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
अपने जीवन में कामयाबी पाने के लिए आपको इस शिवलिंग की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
अगर आपके परिवार में किसी सदस्य की तबीयत खराब है और दवाई आदि का भी कोई असर नही हो रहा है, तो आपको पराद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इस शिवलिंग की पूजा करने से सभी रोगों से छुटकारा मिलता है।
शिवलिंग की पूजा करने से जातक की आर्थिक स्थिति भी काफी मजबूत होती है और उसे भविष्य में कभी भी आर्थिक स्थिति से नहीं जूझना पड़ता।
आपको बता दें कि इस शिवलिंग की पूजा करने से ना केवल माता पार्वती और शिव जी का आशीर्वाद नहीं मिलता बल्कि ग्रह दोष और पाप का भी अंत होता हैं।
आयुर्वेद के अनुसार पराद शिवलिंग की पूजा करने से हाई ब्लड प्रेशर के साथ-साथ अस्थमा से लड़ने में काफी मदद मिलती है। इसीलिए यह शिवलिंग काफी लाभकारी होता है।
असली और नकली पारद शिवलिंग की पहचान
पारद प्राकृतिक रूप से जहरीला और दोष रहित होता है जब इसकी पारद सहिंता के अनुसार इसको अष्ट संस्कारित करके शुद्ध रूप में बदला जाता है जिसमे पारद को कई प्रकार की जड़ी बूटियों के साथ मिलाकर इसका शोधन किया जाया है तब जाकर पारद शुद्ध अवस्था में कठोर हो जाता है जिसका उपयोग फिर पारद शिवलिंग या पारद गुटिका बना कर पूजा के लिए उपयोग में लिया जा सकता है।
असली पारद शिवलिंग या पारद गुटिका में ये निम्न गुण पाए जाते है….
असली पारद शिवलिंग या पारद गुटिका को सोने से स्पर्श करने पर वह सोने को अपने अंदर समाहित (Grasp) कर लेता है। जबकि बाज़ार में लोग अशुद्ध पारद के साथ कई तरह के रसायन मिला कर उसको कठोर करके बेचा जा रहा है जोकि बिलकुल नकली या नुकसानदायक पारद शिवलिंग होता है।
असली पारद शिवलिंग या पारद गुटिका को हथेली पर या फिर सूती कपडे पर रगड़ने पर वह काला रंग नहीं देता है जबकि नकली पारद शिवलिंग काला रंग देता है।
असली पारद शिवलिंग या पारद गुटिका को दूध में उबालने पर दूध लम्बे समय तक ख़राब नहीं होता है और बदबू नहीं देता है और ना ही दूध फटता है।
असली पारद शिवलिंग या पारद गुटिका को कांच के गिलास में पानी डालकर सूर्य की धुप में एक घंटे तक रखने पर पारद के चारो और स्वर्ण आभा ( सोने जैसा ) दिखाई देने लग जाती है।