पितृ दोष क्या होता है और पितृ दोष कब बनता है ? जाने पितृ दोष के लक्षण और इसका का महत्त्व।

Pitra Dosh

पितृदोष क्या होता है ?

ज्योतिष शास्त्र में पितृदोष काफी खतरनाक दोष माना गया है इसी के साथ अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका विधि विधान से अंतिम संस्कार ना किया जाए या फिर किसी भी कारण से व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाए, तो उस व्यक्ति से जुड़े परिवार के लोगों को कई पीढ़ियों तक पितृदोष का सामना करना पड़ता है।  
अगर पितरों का विस्मृति या अपमान किया जाए, तो यह दोष उत्पन्न होता है
धर्म के विरुद्ध आचरण करने के कारण यह दोष उत्पन्न होता है।
साथ ही पीपल,नीम और बरगद के पेड़ को काटने से भी पितृदोष लगता है।
वही नाग की हत्या करना या फिर  किसी ओर से हत्या करवाने से भी पितृदोष लगता है।
पित्र दोष के अशुभ प्रभाव से बचे रहने के लिए जीवन भर उपाय भी करने पड़ते हैं।

पितृदोष का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में पितृदोष का काफी महत्व होता है। इसी के साथ प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में पित्र दोष को सबसे बड़ा दोष माना गया है। साथ ही पितृदोष से पीड़ित व्यक्ति का जीवन काफी कष्टमय हो जाता है और उसे जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।

आपको बता दें कि जिस भी जातक की कुंडली में यह दोष उत्पन्न होता है उसे धन अभाव से लेकर मानसिक क्लेश तक का सामना करना पड़ता है। साथ ही साथ उसके जीवन में और भी कई परेशानियां उत्पन्न होती है जो उसके जीवन में नकारात्मकता को लेकर आती है। इसीलिए इस दोष का निवारण करना बेहद जरूरी होता है।

पितृदोष के लक्षण

इस दोष के कारण व्यक्ति को संतान सुख प्राप्त नहीं होता है।

अगर किसी व्यक्ति को संतान सुख प्राप्त होता भी है, तो कई बार संतान विकलांग होती है या मंदबुद्धि होती है या फिर संतान चरित्रहीन रहती है। साथ ही कई बच्चे पैदा होते ही मृत्यु के शिकार हो जाते हैं।

वहीं व्यवसाय और नौकरी पर अधिक मेहनत करने के बाद भी जातक को उसका फल ना मिले या हानि का सामना करना पड़े।

अगर परिवार में अक्सर कलह बना रहता है या फिर परिवार में एकजुटता नहीं है परिवार में शांति का अभाव होने का कारण पित्र दोष होता है।

पित्र दोष होने पर लोगों को अपनों से ही धोखा मिलता है।

साथ ही परिवार में कोई ना कोई व्यक्ति हमेशा अस्वस्थ रहता है और काफी ईलाज के बाद भी वह ठीक नहीं हो पाता।

वहीं परिवार में विवाह योग्य लोगों का विवाह नहीं होता। अगर विवाह होता भी है, तो बाद में तलाक हो जाता है या दांपत्य जीवन में अलगाव रहता है।

इसी के साथ पित्र दोष होने पर व्यक्ति को बार-बार दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। और उसके जीवन में होने वाले मांगलिक कार्य में बाधा उत्पन्न होती हैं।

इतना ही नहीं परिवार के सदस्यों पर हमेशा नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बना रहता है और घर में तनाव बरकरार रहता है।
क्यों उत्पन्न होता है यह दोष

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